Kohraam (Chaos)

बिखरी पड़ीं थीं लाशें, कोहराम सा मचा थासिर्फ़ एक धमाके ने, यह काम कर दिया था कैसी थी यह तबाही, कि लाल हर जगह थाकोई ख़त्म था बिलकुल, तो कोई गुज़र रहा था किसकी थी यह साज़िश, यह किसका करा-धरा था मौत का यह मंज़र, दिल को दहला रहा था सोचे बिना किसी ने, यह चाल चाल दिया था शायद…

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