Dunia (World)

दिखावे की इस दुनिया में, क्या कुछ नहीं देखा है?कई दम घुटते रिश्तों को, मुस्कुराते देखा हैघरानों की कहीं, मिट जाए ना हस्तीइस वास्ते ख़ुद को, मिटाते हुए देखा हैऊँचा है उनका रूतबा, ज़माने में सबसे आगेइस तरह ग़लतफ़हमी में, उन्हें जीते हुए देखा हैकरते हैं उनसे सब, बे-वजह सी मोहब्बतइस झूठ को भी सच,…

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