Ahankaar (Egotism)

मैख़ाने के पैमाने में, आज सभी को मापूँगा मैं, कौन सही है कौन ग़लत है, इसका निर्णय करूँगा मैं।इक चला था पीकर मै, उसने की फिर मैं की बात, मैख़ाने की भीड़ ने की फ़िर, थोड़ी थोड़ी मैं की बात।सबको लगता सही हूँ मैं, सबको चढ़ता नहीं हूँ मैं मै को पीकर अच्छे अच्छे, बोलेंगे बस मैं…

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Madira (Ale)

जब गले के नीचे जाती है तब, मदिरा तू मंडराती क्यूँ है? चंचल इतनी क्यूँ है, मदिरा, तू क्यूँ इतना इतराती है?देखा मैंने स्वभाव है तेरा, तू सबका मन मोह लेती है।तू कौन सा तंत्र करती है ऐसा? जो सबको वश में कर लेती है।  Jab Gale Ke Neeche Jaati Hai, TabMadira Tu Mandraati Kyun Hai?Chanchal…

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